FRUIT FOR DIABITIES : मधुमेह रोगीओके लिए जानलेवा हो सकता है इस फल का सेवन, आहार में न करे शामिल !

FRUIT FOR DIABITIES :

गलत खानपान और ख़राब दिनचर्या से हमे कई समस्याओ का सामना करना पड़ रहा है।अक्सर गलत चीजों का सेवन हमारे शरीर को अंदर से खोकला बना देता है जिससे हमारा शरीर बिमारिओ का घर बन जाता है।ऐसे ही मधुमेह एक ऐसा रोग है जो आज के समय में आम हो गया है। आजकल कम उम्र में भी शुगर ,बीपी ,थाइरोइड जैसी समस्या बढ़ने लगी है।इसकी वजह हमारा गलत खानपान ,अनियंत्रित आहार और और भी कई कारन हो सकते है।

व्यस्त जीवनशैली से हम अपने शरीर पर ध्यान नहीं दे पाते। जिसका नतीजा हमे ऐसे भुगतना पड़ता है।यह बीमारी किसी को भी हो सकती है।इसलिए मधुमेह को कण्ट्रोल में रखना जरुरी है। नहीं तो समय के साथ, मधुमेह हृदय, आंखों, गुर्दों और तंत्रिकाओं की रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है।

मधुमेह से पीड़ित लोगों को हृदयाघात, स्ट्रोक और गुर्दे की विफलता जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का अधिक खतरा होता है।इसलिए दवाईयों का नियमित सेवन जरुरी है।कुछ निया का पालन करके इससे बचा जा सकता है। मधुमेह आंखों की रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाकर स्थायी दृष्टि हानि का कारण बन सकता है।

DIABITIES क्या है ?

मधुमेह एक ऐसी बीमारी है जो आज के समय में आम हो गयी है। इसे कुछ नियम फॉलो करके कण्ट्रोल किया जा सकता है। डायबिटीज एक अस्थायी रूप से उच्च रक्त शर्करा स्तर की स्थिति है जो शरीर के इंसुलिन नामक हार्मोन की कमी से होती है। या शरीर के इंसुलिन का सही उपयोग नहीं हो पाता इससे होती है । इससे रक्त में शर्करा का सही रूप से उपयोग नहीं हो पाता और उच्च रक्त शर्करा स्तर की समस्या हो जाती है।

DIABITIES प्रकार ?

DIABITIES तीन प्रकार के होते है। जिसमे DIABITIES टाइप १ , DIABITIES टाइप २ और गर्भावधि मधुमेह होते है।
टाइप १ और टाइप २ डायबिटीज में कुछ अंतर देखा गया है, जिसमे टाइप 1 डायबिटीज़ तब होता है जब प्रतिरक्षा प्रणाली अग्नाशय की बीटा कोशिकाओं पर हमला करती है। और टाइप 2 डायबिटीज़ तब होता है जब शरीर इंसुलिन का कुशलतापूर्वक उपयोग नहीं कर पाता।

गर्भावधि मधुमेह तो नाम से ही पता चलता है। यह प्रेगनेंसी के दौरान हो सकता है।यह आपके प्लेसेंटा द्वारा बनाए गए हार्मोन के कारण हो सकता है। ये हार्मोन आपके शरीर में इंसुलिन को उस तरह से काम नहीं करने देते हैं जैसा उसे करना चाहिए। पर हर किसीको होने की सम्भावना कम होती है।

DIABITIES के कारन ?

  • डायबिटीज का एक कारन आनुवंशिक(जेनेटिक ) हो सकता है। अगर आपके परिवार में किसी को डायबिटीज है तो यह परिवार में किस को भी होना स्वाभाविक है।ये किसी को परिवार में हो भी सकता है या नहीं भी,जरुरी नहीं की ये होगा ही।
  • दूसरा कारन ख़राब लाइफस्टाइल, खुराक विकार, मोटापा, शारीरिक निष्क्रियता, खाद्य पदार्थों की गलत आदतें, तंत्रिका विकार, तनाव और अनियमित नींद जैसे कारक। इन कारनो से शरीर इंसुलिन के उत्पादन और उपयोग में असमर्थ हो जाता है या उपयोगिता कम हो जाती है, जिससे मधुमेह विकसित हो सकता है।
  • डायबिटीज के और भी कई कारन है।
  • जो लोग शारीरिक श्रम कम और मानसिक श्रम ज्यादा करते है उन्हें ये बीमारी हो सकती है।
  • उच्च रक्त चाप से भी हमारे शरीर पर गलत असर पड़ता है।
  • तनाव या डिप्रेशन भी एक कारन हो सकता है डायबिटीज होने का।
  • इंसुलिन की कमी:शरीर में अगर इन्सुलिन ठीक से नहीं बन पाता तो आप मधुमेह के शिकार हो सकते हो।
  • परिवार में किसी व्यक्ति को डायबिटीज़ है तो इसका असर घर के किसी भी सदस्य को भी मधुमेह होने के चान्सेस रहते है। जिसे आनुवंशिक भी कहा जाता है।
  • हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल होने से भी मधुमेह विकार हो सकता है।
  • एक्सरसाइज ना करने की आदत भी हमे कई बिमारिओ का घर बनाती है। इसलिए नियमित एक्सरसाइज करना बेहद जरुरी है।

DIABITIES के लक्षण :

  • हमे अगर जानना है की हमे डायबिटीज है या नहीं तो ऐसे जान सकते है इसके कुछ लक्षण दिखाए देते है जिससे शुगर का पता लगाया जा सकता है।
  • बार बार पेशाब लगना :
  • डायबिटिक्स के लोग अक्सर बार-बार पेशाब जाते हैं। यह भी इसलिए होता है क्योंकि उनके शरीर में ग्लूकोज का स्तर अधिक होता है और यह गुर्दे के माध्यम से बाहर निकलता है।
  • बहुत प्यास लगना:
  • डायबिटीज रोगियों को अक्सर बहुत ज्यादा प्यास लगती है। यह इसलिए होता है क्योंकि उनके शरीर में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है और शरीर को और अधिक पानी की आवश्यकता होती है।
  • वजन कम होना :
  • इसमें रोगियों का वजन कम होने लगता है। कितना भी खाली इसका शरीर पर कोई असर नहीं पड़ता। यह उनके शरीर में ग्लूकोज के अधिक उपयोग का परिणाम होता है।
  • बार बार भूख लगना :
  • इन रोगियों को बार बार भूख लगने की समस्या होती है। इन्हे भूख और प्यास दोनों ज्यादा लगता है।

इन चीजों के इस्तेमाल से DIABITIES कंट्रोल कर सकते हो :

करेला ,लौकी ,गाजर का मिक्स्ड जूस पिए :

करेला का जूस नियमित सेवन करने से ब्लड शुगर की मात्रा को नियंत्रित रखा जा सकता है। यह आपकी शुगर लेवल कंट्रोल में रखता है। करेले का कड़वापन आपकी शुगर बढ़ने से बचता है।

मेथीदाना का सेवन :

मेथीदाना औषधीय गुणों से भरपूर बीज है। जिसमे कई औषधीय गुण पाए जाते है जिससे आयुर्वेद में इसको कई रोगो के लिए इस्तेमाल किया है।आप अपनी शुगर कंट्रोल में रखना चाहते हो तो आपको मेथीदाने का सेवन करना चाहिए। आप इसे रातमे भिगो कर रखे और सुबह खाली पेट भीगा हुवा मेथीदाना खा ले और मेथीवाला पानी पि ले। या तो आप मेथी दाने की सब्जी बनाकर खा सकते हो या इसे स्प्राउट लेकर खा सकते हो। इससे आपकी डायबिटीज कंट्रोल में रहती है।

दालचीनी का सेवन :

दालचीनी के सेवन से भी शुगर बढ़ने से बचा जा सकता है। दालचीनी का चूर्ण पानी में मिलाकर पी सकते हो। या दालचीनी को पानी में डालकर हल्का गुनगुना चाय की तरह पी सकते हो। इससे आपकी ब्लड शुगर नियंत्रित रहती है।

जामुन के बीज का पाउडर :

जामुन के बीज का पाउडर भी डायबिटीज रोगियों के लिए काफी फायदेमंद माना गया है। इसके लिए जामुन के बीज धोकर सूखा ले और इसका चूर्ण बना ले फिर आप इसे पानी के साथ ले सकते हो।

DIABITIES रोगी इसे सेवन करने से बचे :

ना करे शक्कर का इस्तेमाल :

सफ़ेद चीनी डायबिटीज रोगियों के लिए जहर का काम करती है ,इसलिए इसे खाने से परहेज करना चाहिए। शक्कर से बनी चीजों से भी दूर रहे जैसे मिठाईया ,हलवा,शेक ,आदि।इन रोगियों को चाय का सेवन बंद क्र देना चाहिए। अगर चाय पिने का बेहद मन है तो फीकी चाय पिए या फिर शुगर फ्री गोली डालकर चाय बनाये।

इन फलो का न करे सेवन :

जैसे खरबूज, पका हुआ केला और पाइनएप्पल इन फलो में चीनी की मात्रा ज्यादा होती है। क्युकी यह फल बोहत मीठे होते है। डायबिटीज रोगियों ने इन फलो का सेवन करने से बचना चाहिए ये आपकी शुगर लेवल बढ़ा सकते है।
अगर आपका शुगर कंट्रोल में नहीं रहता है तो इस फल से दूर रहें।
इसके अलावा जिस फल में कार्बोहाइड्रेट अधिक होता है उसे भी खाने से बचना चाहिए।
जैसे अंगूर, आम और सेब कार्बोहायड्रेट और फाइबर का अधिक स्त्रोत होते है तो इन फलो का सेवन करने से भी बचना चाहिए।

यदि शुगर डायबिटीज का इलाज समय रहते किया जाए तथा अपनी दैनिक जीवनशैली में स्वस्थ गतिविधियों को अपनाया जाये तो कुछ हद तक इस बीमारी का निदान किया जा सकता है।