CALCIUM DEFICIENCY :
अन्हेल्थी खानपान और ख़राब जीवनशैली का हमारे सेहत पर गलत असर पडने लगा है,जिससे स्वास्थ से जुडी कई समस्याएं होने लगी है।क्युकी अभी के समय में सिर्फ खाने से जरुरी पोषक तत्व शरीर को नहीं मिल पा रहे है।ऐसे में हम सब जानते है,शरीर में सब चीजों का संतुलन बनाये रखना कितना जरुरी है।क्युकी मानवी क्रियाये सब एक दूसरे से आपस में जुडी हुयी होती है।।कैल्शियम दांतो ,हड्डियों ,नसों के साथ शरीर के कई दूसरे अंगो की सरचना और विकास के लिए महत्वपूर्ण है।इसलिए मानव शरीर में कैल्शियम भी उतना ही जरुरी है,जितनी बाकि चीजे ,इसकी कमी से हमे कई समस्याओ का सामना करना पड़ सकता है।
पर घबराने की जरुरत नहीं है ,हमारे खानपान में ऐसी बहुत सी चीजें हैं जिनका नियमित तौर पर सेवन करने से कैल्शियम की कमी पूरी की जा सकती है,तो चलिए जानते है कैल्शियम की कमी के कारन होनेवाली समस्याएं और समाधान।
कैल्शियम एक महत्वपूर्ण खनिज है,जो हमारे शरीर के लिए बेहद आवश्यक पोषकतत्व है।अक्सर कैल्शियम की कमी होने पर दूध पिने की सलाह दी जाती है ,पर कुछ लोग दूध पीना पसंद नहीं करते जिससे कैल्शियम की कमी होने लगती है।हम सब जानते है कैल्शियम हमारे शरीर की हड्डियो और दांतो को मजबूती प्रदान करता है।ऐसे में कैल्शियम की कमी से बोहत समस्याये होना जैसे असमय हाथ-पैरों में दर्द महसूस होना ,हड्डियां में दर्द रहना,व्यक्ति को भ्रम, तनाव और भूलने की समस्या होना,होंठ, उंगलियों और पैरों में झुनझुनी और मांसपेशियों में अकड़न और दर्द आदि समस्याएं होने लगती है जो बिलकुल आम है।
इसलिए इन चीजों का सामना न करना पड़े इसके लिए हमे कैल्शियम से पूर्ण आहार लेना जरुरी है। इसलिए हमे कुछ ऐसे फूड्स आहार में शामिल करना है जो कैल्शियम की कमी पूरी कर सके।
कैल्शियम कम होने के कारन :
- अधिक मात्रा में कैफीन और अल्कोहल का सेवन कैल्शियम की कमी का कारन हो सकता है।
- बढ़ते उम्र के साथ भी कैल्शियम की कमी होने लगती है।
- अगर आप आहार में कैल्शियम युक्त चीजे नहीं ले रहे तो भी कैल्शियम की कमी हो सकती है।
- विटामिन डी की कमी होने पर भी कैल्शियम कम हो सकता है।
- पैराथायरॉइड ग्रंथि में समस्या होने पर भी कैल्शियम कम होने लगता है।
- हाइपोकैल्सीमिया का बढ़ना भी कैल्शियम की कमी का संकेत है।
कैल्शियम की कमी के लक्षण :
- कैल्शियम की कमी होने पर कुछ लक्षण दिकने लगते है,जो सबमे अलग अलग हो सकते है।
- थकान महसूस होना,
- मांसपेशियों में ऐंठन,
- हाथों और पैरों में झुनझुनी,
- कमजोरी ,
- मूड में बदलाव,
- दौरे पड़ने की सम्भावना ,
- मानसिक परेशानी,
- ख़राब ओरल हेल्थ ,आदि।
आहार में शामिल करे ये चीजे :
कैल्शियम एक आवश्यक खनिज है जो हड्डियों के स्वास्थ्य, मांसपेशियों के संकुचन, तंत्रिका संचरण और रक्त के थक्के जैसी कई शारीरिक प्रक्रियाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।इसलिए कैल्शियम युक्त आहार लेना बेहद जरुरी है।
बढ़ती उम्र में हड्डियां, मसल्स कमजोर होने लगती हैं,ऐसे में इन्हें मजबूत और स्वस्थ बनाए रखने के लिए डेली डाइट में कैल्शियम से भरपूर फूड्स का सेवन करना जरूरी होता है।
बादाम :
कैल्शियम की कमी के लिए बादाम एक बेहतर विकल्प है।बादाम प्रोटीन, फाइबर और अन्य विटामिन का पावरहाउस है।जिसमे कैल्शियम और विटामिन डी दोनों होते है जो हड्डियों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।बादाम में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड, आयरन, फाइबर और विटामिन-के हमे कई तरह से लाभ पहुंचाते है इसलिए बादाम को किसी न किसी तरह आहार में जरूर शामिल करे जैसे ,मिल्क शेक में ,हलवा ,या डॉयफ्रुइट्स के लड्डू में। जिससे शरीर में कैल्शियम की पूर्ति ठीक से हो पायेगी।
हरी सब्जिया :
हरी सब्जियो में काफी पोषकतत्व होते है ,जो हमारे शरीर में होनेवाली किसी कमी की भरपाई करते है।कैल्शियम के लिए हरे सुब्जिओ में आप पालक ,ब्रोकली का सेवन कर सकते है।ब्रोकली में 70 एमजी कैल्शियम होता है। पालक में भी भरपूर मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है, पालक हड्डियों के निमार्ण से लेकर उनके विकास में मदद करता है और उन्हें मजबूती प्रदान करता है।इसलिए हरे सब्जिओ को किसी भी रूप में आहार में शामिल करे।
दूध:
अगर आपके शरीर में कैल्शियम की कमी हो गयी है तो आपको रोजाना १ गिलास दूध पीना चाहिए। डॉक्टर भी कैल्शियम की कमी के लिए दूध पिने की
सलाह देते है।दूध कैल्शियम का सबसे अच्छा सोर्स माना जाता है। इसलिए कहा भी जाता है कि नियमित रूप से दूध का सेवन करना चाहिए।
रोजाना दूध पिने से आप कैल्शियम की कमी पूरी कर सकते हो।एक गिलास दूध में करीब 300 ग्राम कैल्शियम होता है। अगर दूध स्किप हुआ तो समझ सकते हैं कि शरीर में कितने कैल्शियम की कमी हो जाएगी।कैल्शियम हमारे दातो को और हड्डियों को मजबूती प्रदान करता है।
दूध से बनी चीजे भी आप आहार में शामिल कर सकते है जैसे दही ,पनीर ,मक्खन आदि।
सफ़ेद तील:
बारीक़ दिखनेवाले सफ़ेद तील अपने अंदर कई गुण छुपाये बैठे है। तील में भरपूर मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है। तील में दूध के मुकाबले चौगुना पोषकतत्व होते है। इसलिए आप दूध की जगह तील का सेवन क्र सकते है। तील में कैल्शियम,प्रोटीन और फाइबर बढ़िया मात्रा में होता है जिससे ये हमारे शरीर की हड्डियों को मजबूती प्रदान करता है। आप तील के लड्डू बनाकर खा सकते है या सूखे भी एक दो चमच्च तील आसानी से खा सकते है।
अगर आप अपनी हड्डियों को मजबूत करना चाहते हैं ,वो भी बिना दवाइयों के तो आपको तिल का सेवन रोज जरूर करना चाहिए।
सोयाबीन:
आप सोयाबीन के रूप में इससे बने सोया मिल्क का सेवन क्र सकते है जिसमे लगभग 300 ग्राम कैल्शियम होता है।सोया मिल्क, सोया चंक्स और सोयाबीन जैसे सोया प्रोडक्ट्स कैल्शियम के अच्छे स्त्रोत होते हैं। ये वीगन लोगों के लिए भी कैल्शियम की कमी पूरी करने के लिए अच्छे हैं, इनमें विटामिन डी भी होता है जो हड्डियों को मजबूत बनाए रखता है।
रोजाना कितना कैल्शियम लेना है जरुरी :
अच्छे स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त कैल्शियम आवश्यक है,इसलिए हमे कम से कम १२०० मिलीग्राम कैल्शियम लेना जरुरी होता है। ५० से कम आयु की महिलाओ को १००० मिलीग्राम कैल्शियम लेना जरुरी होता है। ५० और उससे अधिक आयु की महिलाओ को १२०० मिलीग्राम कैल्शियम जरुरी होता है। इसलिए रोजाना अपने आहार में १२०० मिलीग्राम कैल्शियम शामिल करे जो स्वास्थ के लिए जरुरी है।